मुझे वाक़या दिल टूटने का सुना रहा था वो !
गो' या दास्ताँ मेरी मुझको सुना रहा था वो !!
किसको बोलूँ है मेरा कौन चश्म-ए-यार यहाँ !
मेरी आँख का अश्क अपना बता रहा था वो !!
रखता तो हूँ दिल तन्हा मैं उसके पास मगर !
बड़ी बे- दिली से दिल मेरा जला रहा था वो !!
- " तन्हा " !!
04-02-2015
गो' या दास्ताँ मेरी मुझको सुना रहा था वो !!
किसको बोलूँ है मेरा कौन चश्म-ए-यार यहाँ !
मेरी आँख का अश्क अपना बता रहा था वो !!
रखता तो हूँ दिल तन्हा मैं उसके पास मगर !
बड़ी बे- दिली से दिल मेरा जला रहा था वो !!
- " तन्हा " !!
04-02-2015
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