इन्तज़ार में है दिल बेक़रार किसी का !
क्यों करते हैं हम इन्तज़ार किसी का !!
या रब ! लिखा है मेरी क़िस्मत में शायद !
करते रहना ता-उम्र इन्तज़ार किसी का !!
मेरे दर से लौट न जाये कहीं वो !
ख़ोल दरवाज़े करते हैं इंतज़ार किसी का !!
ऐ ख़ुदा ! देना गर तो मौत दे देना !
न देना मुझे फ़िर इन्तज़ार किसी का !!
हर बला को दावत-ए -सुख़न देता हूँ !
कैसा है मेरा ये इन्तज़ार किसी का !!
था किसी को ' तन्हा ' का इन्तज़ार !
और "तन्हा"था इन्तज़ार किसी का
!!
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" तन्हा " चारू
!!
1994
सर्वाधिकार
सुरक्षित ©
अम्बुज कुमार खरे " तन्हा " चारू !!
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