मेरी पहली मोहब्बत…..!!!
ऐ ! मेरी पहली
मोहब्बत !
है तुझे आख़री
सलाम
!!
किया है जो
गुनाह
प्यार करके हमने
!
भुला सका जो
उसे
तो तुझे आखरी
सलाम !!
हैं रिश्ते अपने !
मिटा सका जो
इन्हें
तो तुझे आखरी
सलाम !!
आँखों में तैरे
थे
जो हसीं सपने
!
उड़ा सका गर
उन्हें
तो तुझे आखरी
सलाम !!
किया था इक
क़रार
जो कभी हमने
!
निभा सका न
वफ़ा
तो तुझे आखरी
सलाम !!
चले थे चन्द
क़दम
जो साथ " तन्हा
"
लौटा सका गर
उन्हें
तो तुझे आखरी
सलाम !!
ऐ ! मेरी पहली
मोहब्बत ! है तुझे आख़री सलाम !!
- " तन्हा
" चारू !!
सर्वाधिकार सुरक्षित © अम्बुज
कुमार खरे " तन्हा
" चारू !!
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