हम को तो सताया सभी ने तुम ना सताओ तो जानें !
जाओ ऐ रूठ के जाने वालो अब याद ना आओ तो जाने !!
जाओ ऐ रूठ के जाने वालो अब याद ना आओ तो जाने !!
थक के बैठा " तन्हा " करता हिसाब किन-किन बातों का !
तुम भी जुल्म ओ जफ़ाओं का हिसाब लगाओ तो जाने !!
जाओ ऐ रूठ के जाने वालो अब याद ना आओ तो जाने !!
दिल की आग बुझा सकते हैं हम गम ओ मय पीने वाले !
ज़हन की तपती आग को अश्कों से बुझाओ तो जाने !!
जाओ ऐ रूठ के जाने वालो अब याद ना आओ तो जाने !!
मिटा सकते हो नाम -ए -ग़म स्याह हर्फ़ दोहराने से भी !
इस दाग-ए-दिल-ए-स्याह को दिल से मिटाओ तो जाने !!
जाओ ऐ रूठ के जाने वालो अब याद ना आओ तो जाने !!
नाक़ाम मोहब्बत का होना कोई बड़ा मुक़ाम नहीं है !
अंजामें-मोहब्बत की कोई दास्तान सुनाओ तो जाने !!
जाओ ऐ रूठ के जाने वालो अब याद ना आओ तो जाने !!
मुंतज़िर -ए -पैग़ाम अब मेरी आदत में शुमार है !
जवाबे -वहशत में सनम की लाश भिजवाओ तो जाने !!
जाओ ऐ रूठ के जाने वालो अब याद ना आओ तो जाने !!
मंज़िल - मंज़िल दर - दर पे "तन्हा" तन्हा देखा है !
तुम भी शिकस्ता -ए -दिल का दर्द आज़माओ तो जाने !!
जाओ ऐ रूठ के जाने वालो अब याद ना आओ तो जाने !!
- " तन्हा " चारू !!
11 - 02 -1997
सर्वाधिकार सुरक्षित © अम्बुज कुमार खरे " तन्हा " चारू !!
आपके हर हर्फ में कुछ बात तो है!! पढ़ें तो जानें :-)
ReplyDeleteअब ना रहे वो पीने वाले ; अब ना रही वो मधुशाला !!
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