इक निग़ाह डालो इन पर !
जो दरमियान हमारे हैं !!
उफ़क़ की तरफ़ देखते हैं !
ये नाज़ ओ ह्या के मारे हैं !!
जो दरमियान हमारे हैं !!
उफ़क़ की तरफ़ देखते हैं !
ये नाज़ ओ ह्या के मारे हैं !!
-
" तन्हा
" चारू !!
15-02-1995
ये तेरे शौक़ के जो मुझ पर करम हो गये !
ये तेरे शौक़ के जो मुझ पर करम हो गये !
सारी दुनियाँ के वास्ते अजनबी हम हो गये !!
न करता गर हिज्र में ग़िला तो क्या करता !
क्यूँ तुम रक़ीबों के यूँ हम - क़दम हो गये !!
- " तन्हा " चारू !!
13-02-1995
ज़िक्रे उल्फ़त जब चला हर बात तुम्हारी याद आई !
संग जब मुझ पर चला सौगात तुम्हारी याद आई !!
नक्श - ए - पाँ न वो पा सका इश्क के वीराने में !
हर ठोकर पर ज़ेरे-लब मुलाक़ात तुम्हारी याद आई !!
- " तन्हा " चारू !!
ज़िक्रे उल्फ़त जब चला हर बात तुम्हारी याद आई !
संग जब मुझ पर चला सौगात तुम्हारी याद आई !!
नक्श - ए - पाँ न वो पा सका इश्क के वीराने में !
हर ठोकर पर ज़ेरे-लब मुलाक़ात तुम्हारी याद आई !!
- " तन्हा " चारू !!
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