Sunday 17 November 2013

तिनके -तिनके घर जोड़ा था,तिनका-तिनका भी टूट गया !




तिनके -तिनके घर जोड़ा था,तिनका-तिनका भी टूट गया !
किस-किस को दोष दूँ यहाँ ,कौन -कौन मुझसे रूठ गया  !!

आस का बन्धन , खून का रिश्ता , उन का साथ  !
प्यार के हर मोड़ पर स्नेह का भाण्डा फूट गया  !!

होंठो का तबस्सुम ,आँख का शबनम ,बची हसरतें !
वक़्त का लुटेरा  क्या - क्या कुछ ना  लूट गया  !!

इस शिकस्ता कश्ती का " तन्हा "ही तो माँझी था !
हादसों की भींड़ में " तन्हा " तन्हा छूट गया  !!

                                                       -" तन्हा " चारू !!  

सर्वाधिकार सुरक्षित © अम्बुज कुमार खरे  " तन्हा " चारू !!

No comments:

Post a Comment