तिनके -तिनके घर
जोड़ा था,तिनका-तिनका
भी टूट
गया !
किस-किस को
दोष दूँ
यहाँ ,कौन
-कौन मुझसे
रूठ गया !!
आस का बन्धन
, खून का
रिश्ता , उन
का साथ !
प्यार के हर
मोड़ पर
स्नेह का
भाण्डा फूट
गया
!!
होंठो का तबस्सुम
,आँख का
शबनम ,बची
हसरतें !
वक़्त का लुटेरा क्या
- क्या कुछ
ना
लूट गया !!
इस शिकस्ता कश्ती
का " तन्हा "ही तो माँझी
था !
हादसों की भींड़
में " तन्हा " तन्हा छूट गया !!
-" तन्हा " चारू !!
सर्वाधिकार सुरक्षित © अम्बुज
कुमार खरे " तन्हा
" चारू !!
No comments:
Post a Comment