Wednesday 27 November 2013

लबोँ पे उसके वो नाम तो आये... !!!

लबोँ पे उसके वो नाम तो आये !
हम तक कुछ इल्ज़ाम तो आये !!

भीड़ में हो ये " तन्हा " मन  !
ऐसी कोई अब शाम तो आये !!

पी लूँगा उसके रंज ग़म  !
अश्क़ों का वो ज़ाम तो आये !!

मिटा दे हस्ती जहाँ से अपनी !
"तन्हा" को वो इल्हाम तो आये !!
                            
                             - " तन्हा " चारू !!


सर्वाधिकार सुरक्षित © अम्बुज कुमार खरे  " तन्हा " चारू !! 

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