मेरे दिल में
झाँक के
देखो ;
इसमें कोई आज़
भी है
!
"तन्हा "की ख़ामोशी
में दर्ज़
;
कोई बयान आज
भी है
!!
मेरे दिल में
झाँक के
देखो…..
कुछ यादें हैं
धुँधली सी
;
भर चुके हैं
जख्म भी !
जमी हुई इस
गर्द के
नीचे ;
कोई निशान आज
भी है
!!
मेरे दिल में
झाँक के
देखो.…..
उतरी सूरत बिखरे
बाल ;
सूनी आँखे डगमग
चाल !
पर उसके होंठो
से लिपटा
;
मेरा नाम आज
भी है !!
मेरे दिल में
झाँक के
देखो…..
दरमियाँ अपने स्नेह
का बंधन
;
जैसे पानी और
हों चन्दन
!
इन सारे बंधन
से ऊपर
;
मेरा प्यार आज
भी है !!
मेरे दिल में
झाँक के
देखो…..
हो गये थे
क्यूँ मजबूर
;
क्यों थे हम
उनसे दूर
!
कुछ अनजाने कुछ
अनसुलझे ;
कई सवाल आज
भी हैं
!!
मेरे दिल में
झाँक के
देखो…..
प्यार का प्यासा
गम का
सागर ;
न छलका आँखों
का गागर
!
भरी महफ़िल में
सबसे "तन्हा ";
मेरा प्यार आज
भी है !!
मेरे दिल में
झाँक के
देखो….
-"तन्हा "चारू !!
सर्वाधिकार सुरक्षित © अम्बुज कुमार खरे " तन्हा " चारू !!
सर्वाधिकार सुरक्षित © अम्बुज कुमार खरे " तन्हा " चारू !!
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