तस्लीम है शिकस्त
निगाह-ऐ
-नाज़ की
!
बा-रहम करें
कल्म जुबाँ
जां-बाज़
की
!!
खुदानखासतः मिट गई
हस्ती अपनी
!
थम जायेगी सहर
बन्दःनवाज़ की !!
तस्दीक़ है मेरा
लिखा हर
हर्फ़ गोया
!
पहुँचेगी अंजाम तलक़
दास्ताँ आग़ाज़
की !!
लिपटता है सीमबर
से क्यूँ
पैरहन भी
!
शब्-ऐ-वस्ल
में है
ज़रूर बात
राज़ की !!
बिखरती है फ़ज़ा
में इक
सदा यूँ
"तन्हा"!
हो जैसे शायर
से जुदाई
आवाज़ की !!
- " तन्हा " चारू !!
- " तन्हा " चारू !!
सर्वाधिकार सुरक्षित © अम्बुज कुमार खरे " तन्हा " चारू !!
तस्लीम - कबूल -स्वीकार
-accept
शिकस्त -हार -defeat
कल्म -वध -अलग
-cut
सहर -सुबह-morning
बन्दःनवाज़ -सब पर
दया करने
वाला-भगवान
स्वरुप
-like god
तस्दीक़ - सुबूत -प्रमाण
-proof
हर्फ़ -शब्द -बात
-world
सीमबर -चांदी जैसी
गोरी नायिका
-beautiful lady
पैरहन -लिबास -कुर्ता
-shirt
शब्-ऐ-वस्ल
-मिलन रात्रि
-evening of the meeting
फ़ज़ा -बहार
-मैदान-atmosphere
सदा - आवाज़ -voice
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