मेरी ; प्रबुद्ध मित्रो
से विनती
है कि
"मसले" को "मसला"
ही समझे
"अन्यथा" न लें
!!!
" साहेब का दरबार
..... !!! "
साहेब के दरबार
में गर
मसला मेरा
जायेगा !
साहेब के दरबार
में फिर
मसला
मुझे जायेगा !!
साहेब के दरबार
में मसला
मेरा भी
गया था
!
साहेब के दरबार
में मसला
मुझे भी
गया था !!
साहेब के दरबार
में मसला
इक बार
गया
!
साहेब के दरबार
में मसला
बार-बार
गया
!!
साहेब ने मसले
को एक
नज़र भर
देखा था
!
साहेब ने मसले
को भरपूर
मसल कर
देखा था
!!
साहेब के दरबार
में मसला
फिर से
जायेगा
!
साहेब के दरबार
में मसला
फिर से
जायेगा
!!
साहेब की अक़ल में "तन्हा" जब भी मसला आएगा !
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" तन्हा
" चारू !!
- 21 - 11 - 2013
सर्वाधिकार सुरक्षित © अम्बुज
कुमार खरे " तन्हा
" चारू !!
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