मन मयूर के
द्वार पर
,ये दस्तक
देता कौन
है !!
अभिलाषाओ के पंख
पखारे ,
सुदूर देश के
सपने सजाये !
इक मधुर स्पन्दन
बन
,
ये दस्तक देता
कौन है !!
मन मयूर के
द्वार पर
,ये दस्तक
देता कौन
है !!
सपनीली आँखों में
मेरी ,
इंद्रधनुष बन कर
छाता !
प्रथम प्रहर का
प्रहरी बन,
ये दस्तक देता
कौन है !!
मन मयूर के
द्वार पर
,ये दस्तक
देता कौन
है !!
प्रेम की वाणी
,स्नेह और
त्याग ,
विस्मित करता हर्ष
,अनुराग
!
ह्रदय का " तन्हा
" मीत बन ,
ये दस्तक देता
कौन है !!
मन मयूर के
द्वार पर
,ये दस्तक
देता कौन
है !!
-" तन्हा " चारू !!
सर्वाधिकार सुरक्षित © अम्बुज
कुमार खरे " तन्हा
" चारू !!
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