क्यों डरते हैं
मौत से
लोग
क्यों करते हैं
जीने की
आस !
जब कि मौत
हक़ीक़त है
साँसो पर नहीं
विश्वास
!!
जब भी गुजरती
है मय्यत
किसी की
मन ही मन
हँसता है
"तन्हा "!
क्यों है इतने
गमनीन लोग
क्यों है सब
इतने उदास
!!
किसी ने छोड़ा
है जमीं
कोई बसा है
आस्मां पे
आज़ !
तो क्यों नहीं
उसके बसने
पर
जश्न मनाते हैं
लोग आज़
!!
- "तन्हा"चारू !!
सर्वाधिकार सुरक्षित © अम्बुज कुमार खरे " तन्हा " चारू !!
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